संतान प्राप्ति के अचूक उपाय

संतान प्राप्ति के अचूक उपाय
संतान प्राप्ति के अचूक उपाय

संतान प्राप्ति के अचूक उपाय

संतान प्राप्ति के अचूक उपाय, संतान प्राप्ति के टोटके/मंत्र, संतान प्राप्ति के योग- प्रत्येक विवाहित जोड़ा विवाह के उपरांत आमोद-प्रमोद वाली अवधि गुजर जाने पर संतान प्राप्ति की इच्छा रखता ही है| यह स्वाभाविक भी है| यदि विवाह के कई वर्षों के बाद भी संतान सुख नही मिले तो सीधे स्त्री पर बांझ होने का आरोप लगाने की बजाय सबसे पहले चिकित्सक के पास जाना श्रेयस्कर है| यदि स्त्री-पुरुष दोनों में किसी प्रकार का चिकित्सकीय दोष न हो तो निसंदेह इसके पीछे ग्रह-नक्षत्रों की भूमिका हो सकती है| इसलिए सर्वप्रथम पति-पत्नी दोनों के कुंडली की जांच आवश्यक है|

संतान प्राप्ति के अचूक उपाय
संतान प्राप्ति के अचूक उपाय

गर्भधारण में अवरोधक स्थिति

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ विशेष ग्रह दशा की स्थिति में गर्भधारण करने में रुकावट आती है| उदाहरण के लिए –

  • विवाह के समय यदि दूल्हा अथवा दुल्हन दोनों में से किसी की कुंडली में पंचम स्थान पर राहु बैठा हो, तो मिसकरेज(गर्भ गिर जाना) जैसी समस्या आती है| यदि अत्यधिक विलंब के बाद संतान हो भी तो वह कन्या होती है| धर्मशास्त्रों के अनुसार संतान न होने का कारण सर्प का श्राप माना जाता है| अर्थात वर्तमान अथवा विगत जन्म में साँप अथवा उसके बच्चे को मार देने यह श्राप प्रभावी होता है| अतएव, इस दोष को दूर करने के लिए नाग देवता की विधिवत पूजा करे चाहिए|
  • महर्षि गर्ग के अनुसार पुत्रे केतो प्रजाहानी -विधाज्ञानविवर्जित। भयत्रासी सदा दुखी विदेशगमने रतः।।” अर्थात यदि पंचम भाव में यदि केतु विराजमान हो तो संतान को हानि होती है| इस स्थिति में भी मिसकरेज की संभावना होती है|
  • पंचम स्थान में सूर्य की उपस्थिती भी संतान प्राप्ति में बाधक है| धर्म शास्त्र में कहा गया है –“ अंसुतः धनवर्जित: त्रिकोण।। अर्थात जिस जातक के पंचम भाव में सूर्य हो वह पुत्रहीन तथा धनहीन होता है|
  • इसी प्रकार पंचम भाव में शनि तथा मंगल का होना भी अशुभकारक है|

 संतान प्राप्ति के योग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ विशेष ग्रह दशाएँ गर्भधारण हेतु अनुकूल स्थितियां निर्मित करती हैं जैसे –

  • यदि पंचम भाव में शुभ ग्रह विराजमान हों तो गर्भधारण की स्थिति बनती है| गर्भाधान हेतु पंचम भाव तथा पंचमेश की जांच आवश्यक है|
  • स्त्रियों में रजोधर्म कारक चन्द्र तथा मंगल माना जाता है, यदि चंद्र स्त्री की राशि से अनुपचय स्थानों से गोचर करे और उस पर मंगल की दृष्टि हो तो स्त्री में गर्भ धारण की संभावना बनती है|
  • पुरुषों की राशि में यदि चंद्र उपचय स्थान से गोचर करता हो तथा उस पर शुक्र तथा गुरु की दृष्टि भी हो तो उस पुरुष का वीर्य संतानोत्पत्ति में समर्थ होता है |

संतान प्राप्ति के अचूक उपाय

संतान न होने के पीछे यदि ज्योतिषीय कारण तत्वों की जांच की जाए तो स्त्री-पुरुष दोनों की  कुंडलियों दोष के अतिरिक्त भी कई कारण हो सकते हैं| जैसे कई दुष्ट प्रवृत्ति के लोग कोख पर ही बुरी नज़र डालते हुए तांत्रिक क्रिया करवा देते हैं| ऐसी स्थिति में ग्रह-नक्षत्रों का कोई दोष नहीं होता फिर भी बार-बार मिसकरेज हो जाता है| ऐसी स्थिति में सर्वप्रथम कुंडली जांच के बाद ग्रह शांति करवाएँ, ग्रह दोष न हो तो गर्भ धारण करते ही कोख बांधने की व्यवस्था करें| यह गर्भ के लिए कवच का काम करता है| कभी-कभी कोई दोष न होते हुए भी अपनी लापरवाही से दंपत्ति संतान सुख से वंचित रह जाते हैं, जिसका प्रतिकार मात्र चिकित्सक के पास होता है| इसके बाद नीचे लिखे उपायों को आज़माएँ –

  • रामेश्वरम जाकर सर्प दोष निवारण करवाएँ|
  • यदि स्त्री में किसी प्रकार का दोष हो तो लाल अथवा भूरा श्वान पालें, लाल गाय-बछड़े की सेवा करें|
  • शुक्रवार के दिन मदार की जड़ उखाड़ कर लाएँ तथा उसे अपने कमर से बांधे| यह उपाय स्त्रियों के लिए है|
  • बार-बार मिसकरेज होने की स्थिति में एक गोमती चक्र किसी लाल कपड़े में बांधकर स्त्री अपने कमर में बांध ले| गर्भपात का खतरा टल जाता है|
  • मंगलवार के दिन 21 पान के पत्ते लाकर उस पर सिंदूर से राम नाम लिखकर हनुमान जी को चढ़ा दें | निरमाल (चढ़ाए गए पान के पत्ते) को लाल कपड़े में बांधकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें|
  • अपने घर अथवा आस-पड़ोस के 2-3 वर्ष की आयु वाले बच्चों के साथ भोजन करें| संभव हो तो उनका झूठन खा लें|
  • शुक्ल पक्ष के रविवार को लड्डू गोपाल की छोटी सी पीतल से बनी प्रतिमा लेकर आएँ तथा मंदिर में उन्हें उसी प्रकार रखें जिस प्रकार माता-पिता अपने बच्चो को रखती है| नित्य स्नान करवाएँ, स्वच्छ वस्त्र पहनाएँ, भोग लगाएँ, तदुपरान्त खुद भोजन ग्रहण करें|
  • गुरुवार का व्रत पूरी श्रद्धा से करें| व्रत के दौरान पीले वस्त्र धारण करें, पीली वस्तुओं का दान करें| यह उपाय पति-पत्नी दोनों मिलकर करें|
  • गेहूं के आटे में भीगे चने पीसकर थोड़ी सी हल्दी मिला दें| अब इसकी दो मोटी रोटियाँ बनाकर गौ माता को खिलाएँ| यह उपाय स्त्रियों के लिए है|
  • किसी भी गुरुवार को संतान इच्छुक स्त्री की कमर में पीली कौड़ी बांध दें|
  • नियम निष्ठा से पारद शिवलिंग का दुग्ध अभिषेक करने से उत्तम संतान की प्राप्ति होती है|

संतान प्राप्ति के मंत्र

  • इस उपाय को पति-पत्नी दोनों को मिलकार करना चाहिए| बुधवार के दिन दोनों ब्र्म्ह मुहूर्त में उठकर बाल गणेश की विधिवत पूजन करें तथा निम्नलिखित मंत्र का जाप हरे पन्ने की माला पर  करें –

संतान गणपतये नम: गर्भदोषहो नम: पुत्र पौत्राय नम:।

इस पूजा में बैठने के लिए कुशासन का उपयोग करें, बाल गणेश को उनकी प्रिय वस्तु अर्पित करें -जैसे दूर्वा, मोदक आदि|  मुख्य दरवाजे पर बाल गणेश की मूर्ति लगाएँ ताकि आते-जाते दर्शन लाभ होता रहे|

  • संतान गोपाल यंत्र साधना: संतान प्राप्ति के लिए यह साधना अचूक मानी जाती है, इसलिए यह अत्यंत प्रसिद्ध है| इस साधना के लिए गुरु पुष्य नक्षत्र में लड्डू गोपाल की प्रतिमा के साथ-साथ संतान गोपाल यंत्र भी स्थापित करें| नित्य पूजन के उपरांत संतान गोपाल स्तोत्र का नियमित पाठ करें| यह शीघ्र फलित होने वाली विधि है|
  • गोशाला में संतान गोपाल यंत्र स्थापित कर निम्नलिखित संतान गोपाल मंत्र का पाठ करें  –

“देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।”

उक्त मंत्र का जाप पति-पत्नी दोनों किसी शुभ दिन निराहार रहकर करें| संध्या काल में खीर का भोग लगाएँ तथा वही आहार के रूप में ग्रहण करें|

 

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वशीकरण पूजा हिन्दू धर्म मैं पूजा का बहुत महत्व है. मनचाहे कार्य हेतु हिन्दू धर्म मैं पूजा करवाई जाती है. पूजा के द्वारा आप पूजा से सम्बंधित देवता का आव्हान करके उनको प्रसन करते है, जिसके द्वारा उनके आशिर्वाद स्वरूप आप को उनकी कृपा प्राप्त होती है और आपके मनचाहे कार्य सिद्ध होते है. इसी तरह वशीकरण पूजा से आप वशीकरण मंत्र को सिद्ध करके किसी को भी अपने वश मैं करके उससे मनचाहे कार्य सिद्ध करवा सकते है.